Sep 21, 2013

Tu mitti

जिस मिटटी से तुझे बनाकर मंदिर में पूजा जाता है,
 आज उसी मिटटी का सृंगार किया है मैंने। 

Apr 6, 2013

गुफ्तगू

आज फिर कलम उठे है कुछ शायरी कर लें, 
दिल-ए -दर्द को कुछ जुबां देदें। 
तेरे रूबरू आके कुछ कह न सके, 
इसके ज़रिये  तुझसे गुफ्तगू कर लें। 






Apr 4, 2013

प्यार ?






चूड़ी के टुकड़े थे, टूट के भी उतने ही खनके है

जितना तेरे प्यार का शोर था,उतने ही सन्नाटे के किस्से है। 


Feb 20, 2013

दिल से

दुकान-ए-यार के बैठे , खुम-ए-दर्द लायें है,
उक़ूबत जाम जो छिरका इताब-इज़्तिराब  पाएं है।





Feb 5, 2013

इत्तहद है खुदा से मेरी



एक इत्तहद है खुदा से मेरी
मेरे दर्द से लिपटी सर्द हवा
नंगी रातों में तेरे दरवाजे पे खड़े होगी
शगाफ़ से गुज़रके तेरे बिस्तर पर
तेरी सासों में मेरे अलम का एहसास देगी।

कुछ नमी भी है उन हवाओं में
आसुओं के नमक से भरी होगी
ठंड से कहीं आखें न खुल जाए तेरी
जलन से तेरे भी आँसू निकाल देगी।

Jan 25, 2013

जिंदगी जीने के कई बहाने

जिंदगी जीने के कई बहाने थे
वोह भी कम हो गए,
तेरी फ़ुर्क़त ने भी कुछ पल और कम किए,
तेरी तलाश क्या करू तू सामने ही तो है,
तुझसे  रूबरू अब आँख नम्म कर गए।

तेरे वादों पे कुछ पल सोंच के देखूं,
तो रेशे दार कपास का गेंदा हो।
हलकी सी बातें जो छुके नर्म लगती थी,
दीये भी  लौ के लिए नाकारा कर गए।