Dec 28, 2010

Yeh Barsaat

यह बरसात है की ख़तम ही नहीं होती,
शोर जो बादलों का है चुप ही नहीं होता,
सूरज होके भी नहीं दिख रहा,
दुंद का अंधेरा ख़तम ही नहीं होता.

रात समज के सोने की कोशिश करू,
आँखों को नींद का आसरा नहीं मिलता.
बंद दरवाज़ों में गीलेपन की महक है,
गीले आँखों की नमी को सूखापन नहीं मिलता