Karoge Yaad to har Baat yaad aayegi
Apr 4, 2011
Raaste
आज रास्ते फिर खड़े है तन्हाईयों की सिसकियाँ लेके,
आज रात भर फिर हम नींद से परे है.
सोंचते है धुप में कुछ अंधेरे तो घुल जायेंगे,
आज किरने फिर बादलों से गिरे है.
गीले आंसुओं की ठण्ड से सहम गया है दिल,
आज फिर धडकनों में दर्द उमड़ पड़े है.
hum to haste hai jab tum hasate ho
हम तो हसतें है जब तुम हसातें हो,
हसतीं हुई आँखों से जब आंसू टपकते है,
उनमे तुम जलाकते हो...
गूंजती हुई हसीं जब कानो से टकराती है,
तब तुम सुने देते हो...
हर हसी के से जो ख़ुशी जलाकती है,
उस ख़ुशी की दुआ गुलते जाते हो...
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