तेरे सम्भालने से मेरे फिसलने तक एक शब्द का फ़ासला है- भरोसा ।
तुम कहदो कि मत करना,
तो अब से मैं तेरी नहीं।
तुम कहदो कि करना,
तो तेरी बेरुख़ी से बड़ी उम्र इंतज़ार की मेरी।
तुम कहदो कि मत करना,
तो अब से मैं तेरी नहीं।
तुम कहदो कि करना,
तो तेरी बेरुख़ी से बड़ी उम्र इंतज़ार की मेरी।