Karoge Yaad to har Baat yaad aayegi
मर गया वो जो भी था,
था भी कि नहीं था — पता नहीं।
थोड़ी धड़कनें रहीं, थोड़ी उम्मीद,
थोड़ा डर भी था कहीं।
चुप थी कि नज़रें न लग जाएँ,
अब बस चुप हूँ — कि किसको बताऊँ।
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