ऐ बारिश अपनी बूंदों से कह कुछ उनके होंठों पे भी गिर,
मेरे आंसुओं के नमक से कुछ उनका जौक भी नमकीन हो।
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कई गीत गाए, कई साज़ छेड़े,
उस साज़ में इक तार टूटा जो मेरे दर्द से बना था।
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बहुत तल्खी है सीने में जो साथ लिए चलती हूँ,
जिंदगी की चाशनी मीठी से ज़यादा चिपचिपी लगती है।
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आज बारिश की बूंदों ने मिलकर कोई साज़िश की है,
दिल की छोटी सी ख्वाइश को फिर नयी आवाज़ दी है,
कुछ न कहके भी, कुछ कहने की चाहत,
बेशर्म सी, तुझे तेरी मोहब्बत दी है।
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कुछ यादें तेरे पास होंगी,
कुछ यादें मेरे पास है।
जिंदगी तुमसे दूर सही,
मौत का दामन मेरे पास है।
रात की सिलवटों में तेरी खुशबू के एहसास में,
उस बारिश की बूंदों की खनकती हुई आवाज़ में,
तुझे पाने का अंजाम नहीं,
तेरे आने का एहसास है।
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