May 26, 2017

बेचारा ताकिया

कहीं बैठके एक कोने में
किसी तकिए को गले लगाकर
कुछ बातें करतें है।
कुछ बीती हुई, कुछ हो रहीं सुइयों के बक्से खोलते है।
उन बक्सों में दो बूँद आँसु मिलेंगे,
उनसे तकिए को भिगोते है।

---इशा---

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