May 26, 2017

खिड़की

यह धूप का मेरी खिड़की से झाँकना,
कह रही हो जैसे आइना लेके आयी हूँ।
ज़रा चेहरा तो देख इनमे,
कहीं घुम हुई तुम ना मिल जाए।

---इशा----

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