Nov 10, 2017

बेचारा सपना

चुपचाप सा कोना पकड़ा मैंने अपना,
ठंडे फ़र्श पे जो सोया मेरा सपना,
लगा कि तकिया बनाके रखूँ अपने सीने को,
शायद सो पाए वोह आँखों में पर हो ना।

—इशा—

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