Nov 1, 2018

अल्फ़ाज़

उस चिनार के लाल पत्तों का रंग बंद पन्नों में छुपाकर लायी हूँ,
तेरी आवाज़ से शायद फिर मौसम का रंग ना बदल जाए।



——इशा—-

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