Feb 7, 2012

woh ek raat thi...

वोह एक रात सही, 
तुम आये दिल्लगी करने 
रात भर शम्मा जली तेरे घर को रोशन करने...
फासले कभी थे भी या नहीं, वोह वक़्त बता पायेगा
हम तो जल कर भी लगे तेरा मरहम बन्ने...
बहुत दूरियां सही...वोह एक रात सही... 

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