इश्क हमको नहीं वेह्शत ही सही,
मेरी वेह्शत तेरी शौहरत ही सही.
हम तो दुश्मन तो नहीं है अपने,
गैर को तुमसे महोब्बत ही सही.
हम तेरे दिल में, तेरी आँखों में नहीं,
आप मेरे अंजुमन में सही.
दो घडी देखके करीब मुझे,
खवाब सजाना कोई गुनाह तो नहीं.
नहीं करीब कोई गिला नहीं,
मेरे सीने में तेरी ताबीर सही.
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